शराब,शबाब और कबाब ........ये तीनो अगर एक साथ किसी इंसान को मय्यसर हो तो फिर बीसों ऊँगली घी में और मूरी कराही में वाली स्थिति हो जाती है .....और उस पर भी अगर ये सुख गुप्त रूप से मिले तो फिर सोने पर सुहागा..... मजा भी ले रहे है और किसी को खबर भी नहीं ....मौजा ही मौजा .......लेकिन अगर आपके जीवन में बंधू ये तीन चीजें हर रोज मिले तो फिर समझ लीजिये ....की कुदरत आपके साथ जल्द ही आपके कुकर्मों का न्याय करने वाली है .....अपुन ये ज्ञान ऐसे ही नहीं बाट रहे ....अनुभव के आधार पर एक एक बियर का बाजी अगर आप चाहें तो मैं लगा सकता हूँ.....सुनिए हम ये इस लिए कह रहे हैं ....किउंकि लखीसराय में शराब ने चौथा खम्भा के नस्ल को ही बर्बाद कर दिया है ....ये हाल तब है जब एक साथ शराब, शबाब और कबाब, सोसाईटी के वाच डॉग भाई लोगों को उपलब्ध नहीं है....किसी को इनमें से दो मिला है तो किसी को इनमें से एक ...लेकिन लड़खड़ा सब रहा है ......इके दुक्के खबरची भाई इस सुख को अब तक आत्म सात नहीं कर पाए है ...इसलिए वो खड़े है ...शराब और कबाब पर आज बात कर लेते है शबाब वाला चेप्टर पर फिर कभी .....मैं पहले ही साफ़ कर देता हूँ की ये मेरा अनुभव है... हो सकता है की जिले में तीनो ब्याधियों से बंचित युगपुरुष पत्रकार भी हों ....वैसे सज्जन महापुरुषों का नमन करते हुए निवेदन है की वो कृपया इसे दिल पर ना लें.....वैसे तो मदिरापान आम बात है ...आप पैसे कमाइए और खूब पीजिये पिलाइए ....रोज पार्टी कीजिये .......किसी के बाप का क्या ....आप मेहनत करते है, पैसे कमाते हैं ...जीवन के आनंद के लिए ही तो सुरा और सुंदरी है .....आप भबिष्य और वर्तमान दोनों है इस वतन के ...आप का आनंद करना उतना ही जरुरी है जितना ..मोहन दा के सोना दुकान की जेबरों पर होल मार्क के निशान का होना....आप आनंद नहीं करेंगे ...उत्सव नहीं मनाएंगे तो कल मेह्नत कैसे करेंगे ....मेह्नत बंद तो देश की तरक्की बंद ,फिर कामचोर किसके भरोसे रहेंगे .....आप ठहरे काम वाले लोग ....lekin sochiye जरा की वो लोग जो काम ही इस लिए करते है की कैसे देशी बोतल में...विदेशी अंगूर की बेटी पेट में जा कर, रग रग में लहू बनकर दौरे ...और पीने का बाद डी एम्, एसपि दोस्त और थानेदार सब चेला बता बता कर ....धौस पट्टी पढाया जाये....
जारी है ...........................
जारी है ...........................
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें