देखिये... नौकरी और भगवान दोनों ही मिलना मुस्किल है ..लेकिन नितीश सरकार में मास्टर साहेब बाला नौकरी मिलने का आशा बेरोजगार भाई सब को जगा है .....कुछ लोगों को मिला भी है और अबकी जब फिर मिलना है ...तो भाई लोग उत्साहित है ......सुशासन है इसलिए हर काम टाइम से होना चाहिए...शिक्षा बिभाग के जिला वाला बरका साहेब बुलाये तो भाई लोग दौरल आ गया....अब आकर देखता है की कोई सिस्टम से काम हो ही नहीं रहा है....फिर क्या भाई लोगों का गुस्सा सातवे आसमान पर...अधिकारी सब को ढिशुम ढिसुम सुरु हो गया .....अब साहेब बचने के लिए नुका रहे है लेकिन भाई लोग पागल कुता की तरह काटने के लिए दौरा रहा है ...खैर दस बीस फैट के बाद..भाई लोगन को याद आया की उ सब स्टंट मास्टर नहीं ..पढ़ने वाला मास्टर बनने आये है ....तब जा कर भाई सब शांत हुआ.....क्या करिए गा....नौकरी और भगवान मुस्किल से जो मिलते है....
मंगलवार, 7 फ़रवरी 2012
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