साहब दियारा वाले इलाके में पोस्टेड है .....आरोप है की पत्नी से दुसरे के साथ गलत काम करवाने के लिए दवाब देते है ...पत्नी पतिव्रता है इसलिए शादी के ग्यारह साल तक सब कुछ सह गई...लेकिन अब जा कर मुंह खोला है....मुंह भी खोला तो किस मुए पत्रकार के सामने .....की उसने बस दरद को सुना और खुद सह गया ...दरअसल हुआ ये की टी वि चैनल वाले एक पत्रकार साहब गुजर रहे थे रस्ते से ...ऊपर से आवाज आया की भैया जरा सुनिए....पत्रकार साहब आव देखे न ताव घुस गए घर के अन्दर ...अन्दर गए तो मेहमानवाजी शुरू हो गई...सालों पुराने ज़ख़्म को दिखने का सिलसिला शुरू होगया ...पत्रकार साहब भाबुक इंसान ठहरे दर्द सुनते सुनते गंभीर हो गए ...समय का पता ही नहीं चला ...अचानक दरवाजे पर दस्तक हुई और साहब सामने ...पत्रकार साहब सोचे भी नहीं थे की मुजरिम इस तरह से सामने होगा इसलिए हरबरा गए...खैर साहब ने सवाल पूछ की तुम कौन ...मेरे घर में क्या कर रहे हो ..पत्रकार बोले की में पत्रकार हूँ.....साहब ने मांग दिया आई कार्ड ...पत्रकार साहब आई कार्ड घर पर भूल आये थे ....अब तो नौबत ऐसी की खुद को पत्रकार साबित करना मुस्किल हो गया खैर किसी तरह ....पत्रकार साहब वंहा से जान छुरा कर भागे ...और अब अकेले में अधिकारी महोदय को सबक सिखाने के नुस्स्खे खोज रहे है....हो सकता है कुछ दिन में ये खबर टी वि पर चले भी ....तो भैया जब भी दुःख दर्द सुनाने के लिए कंही जाओ तो आई कार्ड कम से कम साथ रखो ...वरना दरद बटने के चक्कर में दर्द ले का मत आ जाना ....
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